नई दिल्ली, 27 अगस्त 2025
त्योहारों का सीज़न करीब आते ही हर साल सोने की डिमांड बढ़ जाती है। इस बार भी नवरात्रि से लेकर दिवाली तक ज्वेलरी शॉप्स पर भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। लेकिन सवाल यह है कि क्या निवेशक अभी सोना खरीदें या कीमतें और नीचे आने का इंतज़ार करें?
सोने के दाम में हालिया गिरावट
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर अक्टूबर फ्यूचर्स हाल ही में करीब ₹99,000 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहे थे, जो पिछले हफ्ते से लगभग ₹1,200 की गिरावट है।
रिटेल मार्केट में भी भाव गिरे हैं — 24 कैरेट सोना ₹1,01,510 और 22 कैरेट सोना ₹93,050 प्रति 10 ग्राम पर आ चुका है।
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क्या और सस्ता होगा सोना?
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने में मामूली गिरावट की गुंजाइश बनी रह सकती है, लेकिन बड़े स्तर की तेजी या मंदी का अनुमान फिलहाल नहीं है।
अगस्त–सितंबर: ₹96,000 – ₹1,01,000 प्रति 10 ग्राम
अक्टूबर–नवंबर (फेस्टिव सीज़न): ₹99,000 – ₹1,05,000
दिसंबर–जनवरी: ₹97,000 – ₹1,08,000
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डिमांड का असर
विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) के मुताबिक महंगे दामों के कारण भारत में 2025 की खपत पिछले पाँच साल में सबसे कम स्तर पर रह सकती है।
हालांकि, नवरात्रि और दिवाली जैसे त्योहारों में पारंपरिक खरीदारी बढ़ने से डिमांड में उछाल आ सकता है, जिससे भाव ऊपर जा सकते हैं।
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निवेशकों के लिए रणनीति
स्थिति निवेशक के लिए सलाह
कम कीमत पर एंट्री अगर भाव ₹99,000 से नीचे आते हैं, तो ‘buy on dips’ रणनीति अपनाई जा सकती है।
फेस्टिव डिमांड त्योहारों से पहले खरीदारी करना समझदारी होगी, क्योंकि डिमांड बढ़ने पर दाम चढ़ सकते हैं।
लॉन्ग टर्म निवेश सोना लंबे समय से महंगाई के खिलाफ हेज साबित हुआ है, इसलिए धीरे-धीरे खरीदारी करना बेहतर रहेगा।
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वैकल्पिक निवेश विकल्प
गोल्ड ETF और डिजिटल गोल्ड: स्टोरेज की दिक्कत नहीं और आसानी से खरीदे-बेचे जा सकते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB): यदि पहले से खरीदे हैं तो 2.5% वार्षिक ब्याज और प्राइस गेन, दोनों का फायदा।
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निष्कर्ष
फिलहाल सोना थोड़ा सस्ता हुआ है और निवेशकों के पास "डिप पर खरीदारी" का अच्छा अवसर है। हालांकि, जैसे-जैसे त्योहार करीब आएंगे, डिमांड बढ़ने से कीमतों में तेजी देखी जा सकती है। लंबी अवधि के निवेशक इसे पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन और इंफ्लेशन हेज के रूप में देख सकते हैं।
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