भिवानी (हरियाणा), 27 अगस्त 2025
हरियाणा के भिवानी जिले की 19 वर्षीय प्ले-स्कूल शिक्षिका मनीषा की रहस्यमयी मौत के मामले में अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने जांच शुरू कर दी है। लगातार विरोध प्रदर्शनों और परिवार के दबाव के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बीते दिनों इस केस को सीबीआई को सौंपने की घोषणा की थी।
11 अगस्त को लापता हुई मनीषा का शव 13 अगस्त को खेतों में बरामद हुआ था। स्थानीय पुलिस ने शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या करार दिया और एक कथित सुसाइड नोट के साथ कीटनाशक खरीदने के सबूत भी पेश किए। हालांकि, मृतका के परिजनों ने इस दावे को सिरे से खारिज कर हत्या की आशंका जताई।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्टों में विरोधाभास
मामला उस समय और उलझ गया जब तीन अलग-अलग स्थानों पर पोस्टमॉर्टम कराए गए—भिवानी, रोहतक PGI और दिल्ली AIIMS में। रिपोर्टों में विरोधाभास सामने आए, जिससे परिवार और आमजन में आक्रोश और गहरा गया।
जन आक्रोश और राजनीतिक दबाव
लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों, पंचायतों और सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों के बाद राज्य सरकार ने 20 अगस्त को केस सीबीआई को सौंपने की घोषणा की। 25 अगस्त को इस केस से जुड़ी सभी फाइलें, FIR और पोस्टमॉर्टम रिपोर्टें एजेंसी को सौंप दी गईं।
CBI की चुनौती
CBI अब इस बात की तहकीकात करेगी कि मनीषा की मौत आत्महत्या थी या सुनियोजित हत्या। एजेंसी को तीनों पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, DNA दस्तावेज और स्थानीय पुलिस की जांच रिपोर्टों का गहन विश्लेषण करना होगा।
गैंग का बयान और बढ़ी संवेदनशीलता
इस मामले में तब नया मोड़ आया जब कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सोशल मीडिया पर आरोपियों को सजा दिलाने की धमकी दी। इससे कानून-व्यवस्था को लेकर प्रशासन की चिंता और बढ़ गई है।
परिवार की उम्मीदें
मनीषा के परिवार ने सीबीआई जांच पर भरोसा जताते हुए कहा है कि अब उन्हें न्याय की उम्मीद है। परिजनों का कहना है कि “जब तक असली दोषियों को सजा नहीं मिलती, हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”
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निष्कर्ष
मनीषा केस हरियाणा ही नहीं, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है। पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल, विरोधाभासी मेडिकल रिपोर्ट्स और जनता के आक्रोश के बीच अब सारी निगाहें सीबीआई पर टिकी हैं। सच सामने आने के बाद ही तय होगा कि यह मामला आत्महत्या का है या किसी गहरी साजिश का।
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