3 दिन तक घर में सड़ती रही पिता की लाश, नदी में बहाने को मजबूर हुए मासूम बेटे

महाराजगंज (उत्तर प्रदेश):
उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। नौतनवा नगर पालिका क्षेत्र के राजेंद्र नगर वार्ड में रहने वाले 50 वर्षीय लव कुमार पटवा की मौत हो गई। आर्थिक तंगी और मजबूरी के कारण उनके मासूम बच्चे पिता का अंतिम संस्कार करने में असमर्थ रहे। तीन दिनों तक शव घर में ही पड़ा रहा और धीरे-धीरे सड़ने लगा। हालात ऐसे बने कि बच्चों ने ठेले पर रखकर शव को नदी में बहाने का फैसला कर लिया।
पिता की मौत और बच्चों की बेबसी

मृतक के दो नाबालिग बेटे — राजवीर (14) और देवराज (10) — और एक बेटी है। पिता की मौत के बाद बच्चों के पास न तो पैसे थे और न ही कोई सहारा। आसपास के लोग भी मदद के लिए आगे नहीं आए। तीन दिन तक घर में शव पड़ा रहा, बदबू और हालात असहनीय होते गए। आखिरकार मासूम बच्चों ने पिता की लाश ठेले पर रखकर नदी में बहाने का निर्णय ले लिया।

समाजसेवकों ने बचाई इंसानियत

ठेला लेकर बच्चे जैसे ही शव को नदी की ओर ले जा रहे थे, तभी वार्ड सभासद राशिद कुरैशी और उनके भाई को इसकी जानकारी हुई। उन्होंने तुरंत बच्चों को रोका और मदद का आश्वासन दिया। समाजसेवकों ने मिलकर पूरे हिंदू रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार करवाया।

घटना ने झकझोर दिया समाज को

यह घटना गरीबी और सामाजिक उपेक्षा की करुण सच्चाई को उजागर करती है। छोटे-छोटे मासूमों को अपने पिता का अंतिम संस्कार करने तक के लिए पैसे न होना हमारे समाज की विडंबना है। हालांकि, अंततः इंसानियत जीत गई और कुछ संवेदनशील लोगों की पहल ने बच्चों के दुख को थोड़ा कम कर दिया।

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