अवैध हथियार की ‘खानदानी फैक्ट्री’ का भंडाफोड़

टीकमगढ़ में दादा-पोते का धंधा, दूसरे राज्यों में होती थी सप्लाई

भोपाल, 31 अगस्त 2025
भोपाल क्राइम ब्रांच ने रविवार को मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ ज़िले में अवैध हथियार बनाने वाली एक बड़ी फैक्ट्री का पर्दाफाश किया। हैरानी की बात यह रही कि यह फैक्ट्री किसी साधारण गिरोह की नहीं, बल्कि एक पूरे परिवार द्वारा चलायी जा रही थी। दादा, उनके दो बेटे और पोता मिलकर पिछले कई दशकों से अवैध पिस्तौल तैयार कर रहे थे और उन्हें दूसरे राज्यों में सप्लाई करते थे।
छापेमारी में भारी बरामदगी

क्राइम ब्रांच की टीम ने रामगढ़ और चंदेरी क्षेत्र में दबिश देकर फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में हथियार और उपकरण ज़ब्त किए। मौके से लैथ मशीन, वेल्डिंग और ड्रिलिंग उपकरण, पिस्टल बैरल, मैगज़ीन, अधबने हथियार और जिंदा कारतूस मिले। हथियारों को बनाने और जोड़ने की पूरी किट यहां मौजूद थी।

40 साल पुराना धंधा

जांच में सामने आया कि विश्वकर्मा परिवार करीब 40 साल से इस धंधे में लिप्त था। शुरुआत में कृषि उपकरण बनाने के बहाने देशी कट्टे और पिस्तौल तैयार किए जाते थे। धीरे-धीरे यह ‘खानदानी धंधा’ बन गया जिसमें दादा आनंदीलाल विश्वकर्मा, बेटे सुरेंद्र और अन्य परिजन शामिल थे।

उत्तर प्रदेश तक फैला नेटवर्क

पुलिस के अनुसार बने हथियारों की सबसे अधिक सप्लाई उत्तर प्रदेश में की जाती थी, जहां अवैध बाजार में इनकी भारी मांग रहती है। वहीं, स्थानीय स्तर पर बेहद सीमित बिक्री की जाती थी ताकि शक न हो।

गिरफ्तारियां और फरार आरोपी

कार्रवाई में मुख्य आरोपी सुरेंद्र विश्वकर्मा सहित उसके पिता आनंदीलाल और साथी मुख्तार खान को पकड़ा गया है। एक अन्य आरोपी नरेंद्र प्रताप सिंह अभी फरार है। सुरेंद्र पर पहले भी डकैती और आर्म्स एक्ट से जुड़े केस दर्ज हैं।

पुलिस की बड़ी सफलता

अधिकारियों का कहना है कि इस छापे से अंतर-राज्यीय हथियार सप्लाई नेटवर्क को करारा झटका लगा है। भोपाल क्राइम ब्रांच अब इस नेटवर्क से जुड़े खरीदारों और दूसरे राज्यों में सक्रिय सप्लायर की भी तलाश कर रही है।

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