फर्जी IAS गिरफ्तार: लग्ज़री गाड़ियों पर नीली बत्ती लगाकर घूम रहा था युवक

लखनऊ/गुरुग्राम।
फर्जी IAS अफसर बनकर धौंस जमाने वाले दो अलग-अलग मामलों ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा की पुलिस को सतर्क कर दिया है। हाल ही में लखनऊ और गुड़गाँव से दो युवकों को गिरफ्तार किया गया, जो सरकारी अफसर बनकर न केवल आम जनता बल्कि अधिकारियों को भी गुमराह कर रहे थे।
लखनऊ का मामला

लखनऊ पुलिस ने सौरभ त्रिपाठी, निवासी मऊ (फिलहाल नोएडा), को गिरफ्तार किया है। आरोपी कई महीनों से खुद को विशेष सचिव और कभी-कभी केंद्रीय सचिव बताकर सरकारी आयोजनों में वीआईपी सीट पर बैठा करता था।
पुलिस चेकिंग के दौरान जब उसके दस्तावेज मांगे गए तो वह फर्जी आईडी कार्ड, सचिवालय पास और ड्राइविंग लाइसेंस पेश कर बैठा। जांच में सभी दस्तावेज नकली निकले।
उसके पास से पांच लग्ज़री गाड़ियां, लाल-नीली बत्ती और कई अन्य संदिग्ध कागजात बरामद हुए।

गुड़गाँव का मामला

इसी तरह गुड़गाँव पुलिस ने जय प्रकाश पाठक (31 वर्ष) को पकड़ा है। वह खुद को गृह मंत्रालय का IAS अधिकारी बताकर लोगों को नौकरी और ट्रांसफर दिलाने का झांसा देता था।
पुलिस को तलाशी में उससे फर्जी दस्तावेज, नकली हथियार लाइसेंस, लाल-नीली बत्ती लगी कार, ₹2.5 लाख नकद, सिक्योरिटी सील, लैपटॉप और मोबाइल फोन मिले।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार आरोपी पहले भी उत्तर प्रदेश में इसी तरह की ठगी के मामलों में लिप्त रहा है।

पुलिस की कार्रवाई

दोनों आरोपियों पर धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी पद का दुरुपयोग करने के तहत गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट के तहत नीली बत्ती का गलत इस्तेमाल करने पर भी कार्रवाई की जा रही है।

क्यों खतरनाक है ऐसा अपराध?

फर्जी अधिकारी आम जनता ही नहीं, बल्कि अधिकारियों को भी भ्रमित कर सकते हैं। ऐसे लोग सरकारी पद का गलत इस्तेमाल कर ठगी, प्रभाव और भ्रष्टाचार फैलाते हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आम जनता को भी ऐसे मामलों में सतर्क रहना चाहिए और किसी संदिग्ध अधिकारी की पहचान की तुरंत पुष्टि करनी चाहिए।

Post a Comment

Previous Post Next Post