बॉलीवुड एक्ट्रेस नेहा धूपिया ने हाल ही में शादी से पहले प्रेग्नेंसी और उस पर मिली आलोचनाओं पर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि ये सवाल और ताने "बेतुके" (ridiculous) थे और किसी को भी यह अधिकार नहीं कि वो तय करे कोई औरत कब शादी करे या मां बने।
> "मैं पहली नहीं हूं जो शादी से पहले मां बनी। नीना गुप्ता हों या आलिया भट्ट, हम सबने अपने फैसलों को जिया है। ये हक सिर्फ महिला का है, किसी और का नहीं।"
समाज की सोच पर सवाल
एक्ट्रेस ने बताया कि शादी से पहले प्रेग्नेंसी पर लोगों की प्रतिक्रियाएं बेहद अजीब थीं। कई लोग “ये कैसे हो गया?” जैसे सवाल पूछते रहे। उन्होंने कहा कि इस अनुभव ने उन्हें यह महसूस कराया कि भारतीय समाज में अब भी औरत के फैसलों को लेकर जजमेंटल रवैया मौजूद है।
"Freedom to Feed" पहल से मिली प्रेरणा
इसी दौर में नेहा ने अपनी पहल "Freedom to Feed" शुरू की, जो मातृत्व और स्तनपान जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर बात करने का प्लेटफ़ॉर्म है। उनका मानना है कि औरतों की चॉइस पर किसी को सवाल उठाने का हक नहीं है।
मिसाल बनीं कई एक्ट्रेसेज़
नेहा ने नीना गुप्ता और आलिया भट्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि फिल्म इंडस्ट्री की कई महिलाएं अपने फैसले खुद ले चुकी हैं और समाज के दबाव से ऊपर उठकर जिया है।
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