गाज़ीपुर (उत्तर प्रदेश)।
ज़िले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है जहाँ बेरोज़गारी और पारिवारिक उपेक्षा से जूझ रहे एक युवक ने होटल के कमरे में ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उसने एक भावुक सुसाइड नोट लिखा, जिसने सभी को झकझोर दिया है।
मृतक ओमप्रकाश राय (50) ने अपने अंतिम पत्र में लिखा:
*“चंदा लगाकर मेरा अंतिम संस्कार कर देना।
मेरा शव मेरे चाचा या परिवार वालों को न देना।
मृत्यु प्रमाण पत्र केवल मेरे ससुराल पक्ष को ही दिया जाए।”*
सुसाइड नोट से साफ है कि युवक अपने ही परिवार से बेहद नाराज़ था और उसने अपने अंतिम संस्कार तक का हक उन्हें नहीं दिया।
बेरोज़गारी और टूटे रिश्तों की पीड़ा
जानकारी के अनुसार, ओमप्रकाश की पत्नी का निधन 2021 में हो चुका था। पत्नी की मौत के बाद से ही वह मानसिक रूप से टूट गया था। ऊपर से बेरोज़गारी और आर्थिक तंगी ने उसकी मुश्किलें और बढ़ा दीं।
बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले उसने अपने चाचा से खाने की मदद मांगी थी, लेकिन चाचा ने साफ इंकार कर दिया और कहा – “जहाँ हो वहीं रहो।”
यही बेरुख़ी उसके लिए असहनीय साबित हुई और उसने जिंदगी खत्म करने का कदम उठा लिया।
पुलिस ने बरामद किया सुसाइड नोट
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुँची और कमरे से सुसाइड नोट बरामद किया। पुलिस के मुताबिक, मामले की जांच की जा रही है और पोस्टमॉर्टम के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सवाल खड़े कर गया आख़िरी पत्र
ओमप्रकाश का यह सुसाइड नोट समाज और परिवारिक रिश्तों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। आखिर क्यों एक इंसान को अपने ही घरवालों से इतनी दूरी महसूस हुई कि उसने मरने के बाद भी उन्हें अपना मानने से इंकार कर दिया?
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