नई दिल्ली: भारत में ओरल कैंसर (मुंह का कैंसर) के मामलों में लगातार इज़ाफा हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि तंबाकू, गुटखा, पान मसाला और धूम्रपान की बढ़ती आदतें इसकी सबसे बड़ी वजह हैं। हर साल हज़ारों लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं और अधिकतर मरीज देर से डॉक्टर तक पहुंचते हैं, जिससे इलाज कठिन हो जाता है।
डॉक्टरों के अनुसार, तंबाकू और शराब का सेवन, खराब मौखिक स्वच्छता, पोषण की कमी और ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण मुख्य कारण हैं। खासकर युवा वर्ग में गुटखा और पान मसाला की लत तेजी से बढ़ रही है, जिससे ओरल कैंसर का खतरा और गंभीर हो गया है।
किन संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते लक्षण पहचान लिए जाएं, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है।
ये 5 चेतावनी संकेत दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
1. मुंह या जीभ में लगातार छाले/घाव जो 2-3 हफ्तों में ठीक न हों।
2. मुंह के अंदर सफेद या लाल पैच का बनना।
3. खाना खाते समय दर्द या जलन महसूस होना।
4. मुंह खोलने या निगलने में कठिनाई होना।
5. गर्दन में गांठ या लिम्फ नोड्स का सूज जाना।
विशेषज्ञों की सलाह
ऑन्कोलॉजिस्ट्स का मानना है कि तंबाकू और शराब से दूरी बनाना ही सबसे बड़ी रोकथाम है। साथ ही हर 6 महीने पर डेंटल चेकअप कराना, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार लेना और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराना बेहद ज़रूरी है।
निष्कर्ष: ओरल कैंसर पूरी तरह से रोका जा सकता है, बशर्ते लोग अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं और शुरुआती लक्षणों को हल्के में न लें।
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