प्रयागराज: टीचर की धमकी से डिप्रेशन में पहुंची 12वीं की छात्रा, अस्पताल में भर्ती

प्रयागराज। शहर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक इंटर कॉलेज की 12वीं कक्षा की छात्रा कोचिंग के लिए दबाव और धमकी से इतनी परेशान हुई कि वह डिप्रेशन में चली गई। छात्रा का कहना है कि टीचर ने उसे सार्वजनिक रूप से अपमानित करते हुए कहा— “अगर मेरी कोचिंग नहीं करोगी, तो फेल कर दूंगा।”
परिवार के अनुसार, इस मानसिक दबाव और बार-बार की बेइज्जती के कारण छात्रा की तबीयत बिगड़ गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। डॉक्टरों ने बताया कि वह गंभीर तनाव और अवसाद (Depression) में है।

परिवार का आरोप

छात्रा के माता-पिता ने कहा कि उनकी बेटी पढ़ाई में अच्छी है, लेकिन शिक्षक लगातार उस पर अपनी निजी कोचिंग जॉइन करने का दबाव बना रहे थे। जब उसने मना किया, तो क्लास में उसके साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया।

प्रशासन से गुहार

परिवार ने शिक्षा विभाग से शिकायत करने की तैयारी शुरू कर दी है। अभिभावकों का कहना है कि ऐसे शिक्षक बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं और उनके मानसिक स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

विशेषज्ञों की राय

शैक्षणिक विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रों पर इस तरह का दबाव डालना मानसिक उत्पीड़न की श्रेणी में आता है। शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के तहत यह पूरी तरह से गैर-कानूनी है।

सवाल उठ रहे हैं

क्या टीचर छात्रों को कोचिंग के नाम पर ब्लैकमेल कर सकते हैं?

क्या शिक्षा विभाग ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई करेगा?

कब तक छात्र इस तरह के मानसिक शोषण का शिकार होते रहेंगे?
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📌 यह मामला केवल एक छात्रा का नहीं है, बल्कि उन सभी छात्रों के लिए चेतावनी है जिन्हें पढ़ाई के नाम पर जबरन कोचिंग और अपमान का दबाव झेलना पड़ रहा है।


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